Major pests, diseases and their prevention of paddy, Paddy diseases, Paddy Pests (ATMA Jamtara)

ATMA Jamtara (Agriculture Technology Management Agency (ATMA), Jamtara)
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Major pests, diseases and their prevention of paddy

Major insects in paddy:

1. How to recognize: yellow stem borer (Sarpophaga insertulus)? Drying of earrings (Quiet years), Drying of the middle part of the plant (Head heart) In such a state, if the part of the ear or the middle of the stem is pulled, then it comes out easily.

* What kind of crop damage: 1. the larva of the yellow stem borer penetrates through the knots inside the stem at the begetative or reproductive stage of the plant. When the larvi eats the middle part of the stem in the vegetative stage, it is called Quiet Years and when it eats the earrings it is called Deadheart.

*Prevention measures: 1. before transplanting the sowing should be done with Chloro-pyriphos 2 ml. Lee. Make a solution per liter of water and immerse it in it for 12 hours, then transplant it. 2. Insecticide Furadon 10 g. Granular medicine (10 kg) or Kartap 4 g. (25 kg) transplanted after ten 30-35 days in the field or spray Quinafas 35 EC at the rate of 1.3 L per hectare twice at an interval of one week or Thiacloprid 21.7% at 500 ml per hectare Treat the rate.

2. Paddy pest:

* How to recognize: The middle part of the stem becomes round in shape, which looks like the stem of an onion. Which is called silver suit? This happens at the time of coming out of the earring.

* How to damage the crop: This worm is slightly bigger than the mosquito. It lays eggs on the stem, which after the hay migrate to the inner part of the stem and begin to feed on the stem cells. As a result, it gives the shape of an onion stem which never leaves the bill.

* How to prevent? 1. Soak the seed with insecticide Chloropyriphos 20 EC dissolved in 10 ml 1 ltr of water for 3 hours or treat the seed with imidachloropid 70% wp 100 g/100 kg. 2. Immerse the roots of paddy stubble in a solution of Chlorpyriphos 20 EC 2 ml/ltr of water for 12 hours. Making a solution of 1 percent urea (10 gr / ltr water) and keeping it immersed in it for 3 hours also works. 3. forte 10 g. Spraying at the rate of 10 kg per hectare is very effective.

3. Odor Moth (Leptocorsa acuta)

* How to recognize? The grains on the earrings are either half-filled or completely dry. There are small spots on the grains and there is also a hole in the grains.

* How crop damage? The smelly worm seems to be in the milky state of the grains. Sucks the milk of the grains, due to which either some part of the grain becomes full or sometimes after sucking the whole it becomes completely dry. Their attack increases the chances of fungal diseases.

*Prevention measures: 1. If the odoriferous worm is more than 5 per plant, then spray with methyl parathion 5% or chloropyriphos 5% at 25 kg per hectare. 2. Spray with Monocrotophos 36 EC 1.3 lr per hectare or Chloropyriphos 2.5 lr per hectare at early milking stage of the plant. But in this stage, spraying should be minimal, otherwise the effect of insecticides falls on the grains and plants.

                                                                                                    DAO, Jamtara

धान के प्रमुख कीट, बीमारियां एवं उनकी रोकथाम।

धान में लगने वाले मुख्य कीड़े।

१. पीला तना छेदक ( सरपोफेगा इनसरतुलस) कैसे पहचाने? बालियों का सुखना (क्वाइट इयर्स), पौधों के बीच का भाग सुख जाना (हेड हर्ट) ऐसे अवस्था में यदि बालियों का या तने के बीच के भाग को खींचा जाये तो वह आसानी से बहार आ जाता है.

* फसल का कैसा नुक्सान: १. पीला तना छेदक का लरबी तने के भीतर पौधे की बेजिटेटिव या रीप्रोडक्ति अवस्था में गांठों से घुसता है. लार्वी जब वेजिटेटिव अवस्था में तने के बीच का भाग खाता है तो क्वाइट इयर्स और जब बालियों को खाता है तो डेडहर्ट कहते है.

* रोकथाम के उपाय : १. रोपाई के पहले बिचड़े को क्लोरो- पाइरीफॉस २ मि. ली. प्रति लीटर पानी में घोल बना कर उसमे १२ घंटे तक डुबो दें उसके पश्चात् रोपाई करें। २. कीटनाशक फ्युरादाॉन  १० जी. दानेदार दवा (१० की. की.) या कारताप ४ जी. (२५ की. ग्रा.) रोपाई दस ३०-३५ दिन बाद खेत में डालें या क़्वीनाफास ३५ EC १.३ लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से एक सप्ताह के अंतराल पर दो बार छिड़काउ करें या थियाक्लोप्रिड २१.७% का ५०० एम्एल प्रति हेक्टयर की दर से व्यवहार करें।

२. धान का साड़ा कीट :

* कैसे पहचाने : तना के बीच का भाग गोल आकर का हो जाता है जो की पियाज के तने की तरह लगता है. जिसे सिल्वर सूट कहते हैं. यह बिचड़े से बाली निकलने के समय होता है.

* फसल का नुकसान कैसे : यह कीड़ा मच्छर से थोड़ा बड़ा होता है. यह तने के ऊपर अंडा देता है, जो हेज़ के बाद तने के भीतरी भाग में चला जाता है और तने के कोशिकाओं को खाना आरम्भ कर देता है. फलस्वरूप इससे प्याज़ के तने का आकर बन जाता है. जिससे बिलिय कभी नहीं निकलती.

* रोकथाम कैसे करें? १. बीज को कीटनाशी क्लोरोपायरीफास २० EC 10 ml 1 ltr पानी में घोल कर ३ घंटे तक भिगोएं या इमिडाक्लोरोपिड ७० % wp १०० gr/100 kg से बीज को उपचारित करें। २. धान के बिचड़े की जड़ों को क्लोरोपिरिफास 20 EC २ ml प्रति ltr पानी के घोल में १२ घंटे तक डुबोएं। यूरिया का १ प्रतिशत (10 gr/ltr पानी) घोल बना कर उसके साथ बिचड़े को ३ घंटे तक डुबो कर रखने से भी काम हो जाता है. ३. फोरटे १० जी. १० kg प्रति हेक्टेयर की दर से छिडकाऊ काफी प्रभावी है.

३. गन्धी कीट (लेप्टोकोरेसा एक्युटा)

*  कैसे पहचाने? बालियों पर दाने या तो आधा भरे होते है या पूरी तरह खखरी होती है. दानो पर छोटे-छोटे धब्बे होते है तथा दानो में छेद भी हो जाता है.

* फसल कैसे नुक्सान? गन्धी कीड़ा दानो की दुघावस्था में लगता है. दानो के दुघ को चूस लेता है जिससे या तो दाना का कुछ भाग भरा हुआ तथा कभी-कभी पूरा चूस लेने पर पूरी तरह खखरी हो जाती है. इनके आक्रमण से फफूंदी वाली बीमारियाों की सम्भावना ज्यादा बढ़ जाती है.

*रोक-थाम के उपाय: १. यदि गन्धी कीड़ा प्रति पौधा ५ से ज्यादा हो तो मेथाइल पैराथियान ५ प्रतिशत या क्लोरोपायरीफास ५ प्रतिशत २५ kg प्रति हेक्टेयर से छिडकाऊ करे. २. पौधे की प्रारंभिक दुग्धावस्था में मोनोक्रोटोफास ३६ EC १.३ lr प्रति हेक्टेयर या क्लोरोपायरीफास २.५ lr प्रति हेक्टेयर से छिडकाऊ करें. परन्तु इस अवस्था में छिडकाऊ कम से कम होना चाहिए अन्यथा कीटनाशक दवाइयों का प्रभाव दानो तथा पौधों पर पड़ता है.

 

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